स्कूल के बाद 3 बजे मैं मैडम के घर चला गया। मुझे पता था की मैडम मेरे साथ अपनी कामवासना की इच्छा पूरी करना चाहती है। क्यों की उनका पति नामर्द है वो मेरे साथ सेक्स करके एक बच्चा करना चाहती है। ये मेरे फर्स्ट टाइम सेक्स की कहानी का दूसरा भाग है। पहला भाग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे (मास्टरनी को बेटे का सुख दिया भाग-1) और आगे की कहानी के लिए यही रहे।
मैं मैडम के घर गया और घर की घंटी बजाने लगा। फिर देखा की मैडम बहार से ही आ रही थी। वो मुझे देख मुस्कुराई और बोली ” अच्छा तुम आगये चलो अंदर ” फिर वो दरवाज़े का टाला खोलने लगी।
तभी अचानक उनके हाथ से उनका बैग गिर गया और मेने देखा की उनके बैग में सांडे का तेल और जापानी तेल है।
उन्होंने शर्माते हुए बैग वापस उठा लिया और कहा ये सब तुम्हारे लिए है। ये देख मैं सदमे में चला गया। घर के अंदर जाने से पहले ही मैं मैडम को गन्दी और कामवासना की नज़रो से देखने लगा।
सांडे का तेल और जापानी तेल देख मैं भी पूरी तरह समज गया की मैडम आज मुझे कोई गन्दा पाठ पढ़ाने वाली है। जैसे ही दरवाज़ा खुला और मैं घर के अंदर गया ललिता मैडम ने मुझे भुकी शेरनी की तरह दबोच लिया और मुझे चुम्बने लगी।
मैडम मुझे चुम्बे जा रही थी और एक हाथ मेरे लण्ड पर रख उसे जोर जोर से मसलने और सहलाने लगी।
मेने भी उसदौरन अपने दोनों हाथ से उनके मोटे चूतड़ पकड़ लिए और उनको दबाने लगा। उनकी नरम और मोटी गांड का एहसास काफी अलग और नया था।
ललिता मैडम (मेरी पैंट में हाथ डालकर नरम आवाज़ में) – क्यों मोनी ऐसे ही हिला रहे थे ना तुम आज मुझे देखते हुए?
मैंने कहा (उनकी आँखों में देखते हुए) – हाँ मैडम आपका गोरा और कामुक शरीर देख मुझसे रहा न गया।
ललिता मैडम – कोई बात नही अब जो करना है खुल कर करो मोनू बेटा।
मेने मैडम को बिस्तर पर धकेला और जोश में उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उन्हें चुमते हुए उनके स्तन दबाने लगा।
फिर ललिता मैडम ने मुझे रोका और सांडे का तेल और जापानी तेल दोनों मिला कर मुझे कपड़े उतरने को कहा। फिर उन्होंने वो तेल मेरे लिंग पर लगा कर हिलने लग गई।
मैडम – मोनू तुम्हारा गहना तो काफी बड़ा होता जा रहा है।
मैंने कहा – आप जैसी कामुक और उम्र में बड़ी महिला अगर सामने हो तो कुछ बड़ा तो करना पड़ता है। इसके बाद मैडम ने अपनी ब्रा और चड्डी उतरी और मेरे लण्ड बार बैठ कर उछलने लगी।
मेरे लिंग पर तेल लगा था जिस वजह से वो मैडम की चुत से आसानी से अंदर बहार हो रहा था।
मैडम – आह मोनू मेने आज तक अपने से छोटे उम्र के लड़के को नही चोदा पर तुम्हारा लण्ड भी काफी मरदाना है।
गलती से मैडम के उछलते उछलते मेरा लण्ड उनकी गीली चुत से निकल कर उनकी गांड के छेद में चला गया। और वो अचानक हुए दर्द से चीला पड़ी। उनकी गांड काफी टाइट थी तो मेने उनकी चुत की जगह उनकी गांड चोदना शुरू कर दिया।
मैडम – ये तुम क्या कर रहे हो मुझे दर्द हो रहा है मेने आज तक कभी गांड में लंड नही लिया।
मैंने कहा – नहीं लोगी तो सीखो गी कैसे ?
कुछदेर की गांड चुदाई के बाद मेरी तेज़ सासे हो गई। मैडम भी समज गई की मेरा माल निकलने वाला है। तभी उन्होंने मेरा लण्ड गांड से निकल कर वापस चुत में डाल लिया क्यों की वो मुझ से बच्चा चाहती थी।
तभी मैडम की चुत से सफ़ेद पानी निकला जिसने मेरे पुरे लण्ड को भीगा दिया। पर फिर भी मैडम मेरे लंड पर उछलती रही ताकि मैं अपना पानी उनकी चुत में छोड़ सकू।
जैसा वो चाहती थी वैसा ही हुआ मेने अपना पानी उनकी चुत में छोड़ दिया और वो रुक गई। इसके बाद उन्होंने मुझे फिर चुम्बा और कहा आज तुमने मेरी बोहोत मदत की है।
मुझे लगा मैडम को मुझ से प्यार हो गया है क्यों की उनका पति नामर्द है। मैं ये सोच सोच कर खुश हो रहा था की अब चुदाई करने का सही जुगाड़ हो गया है अब मैं अपनी अन्तर्वासना को शांत कर सकता हूँ।
पर मैडम मुझे से कुछ और चाहती थी। वो मुझ से तब तक अपनी चुत चुदवाती रही जब तक वो गर्भवती नही हो गई। वो करीब एक महीना मुझे अपने घर चुदाई के लिए बुलाती रही जब उनका नामर्द पति काम पर होता था।
उस एक महीने बाद मैडम ने स्कूल आना बंद कर दिया। मुझे समज नही आ रहा था क्या हो रहा है वो स्कूल क्यों नही आ रही। तब मुझे दूसरी मास्टरनी से पता लगा की वो प्रेग्नेंट है और अब वो बच्चा होने के बाद ही वापस आयेंगे।
मैंने उसका बच्चा होने का इंतज़ार किआ। करीब 10 महीने बाद वो स्कूल आई तो मैं उन्हें मिलने स्टाफ रूम चला गया। उन्होंने मुझ से टेढ़े मुँह बात की और मुझे वापस जाने को कहा। और कहा जो भी हुआ वो हमारी गलती थी उसको भूल जाना और मेरे बारे में वैसा फिर कभी मत सोचना।
मुझे उनपर बोहोत गुस्सा आया पर मैं तब कर भी क्या सकता था सबको बताता तो सब समझते मैं उन्हें बदनाम कर रहा हूँ।
ललिता मैडम ने मेरा इस्तेमाल किया। मुझे आज भी पछतावा होता है अगर मैं हर चुदाई के बाद अपना पानी उनकी चुत की जगह गांड में छोड़ता तो आज भी मैं शयद उनके साथ चुदाई कर रहा होता।
मैं वहा से चला गया और जाते जाते भी मैं उन्हें कामुक नजरो से देख कर गया। बच्चा होने के बाद मैडम और भी सेक्सी हो गई। उनके स्तन पहले से बड़े लग रहे थे और गांड का तो पूछो मत। मुझे पछतावा हो रहा था और रोना भी आरहा था। क्युकी मैं उनसे सच्चा प्यार करने लगा था।
मैं आज भी वो चुदाई के दिन यद् करते हुए अपना लंड हिलता हूँ। ये थी मेरी मास्टरनी को बेटे का सुख दिया भाग-2 कमेंट करके बताये आपको किसी लगी।