इस तरह सर मुझे नीचे से अच्छे से रगड़े और मैं थरथराते हुए आनंद लेती रही। ये मेरी कहानी का दूसरा भाग है अगर अपने मेरी कहानी “चुत पर झापड़” नहीं पड़ी तो नीचे दिए गए लिंक पर जाए।
दोस्तों इस तरह मैं पूरा आनंद लेती रही और कुछ देर बाद सर ने अपना लिंग निकाल कर मेरे सामने कर दिया। बड़ा सा लाल सर वाला लिंग देख मुझे अजीब सा डर खाने लगा।
सर ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपना लंड पकड़ा दिया और मैं उसे धीरे धीरे हिलाने लगी। दोस्तों इस तरह मैंने खुद अपनी ही चुत पर लंड मार दिया।
सर ने मुझे बिस्तर पर लेटाया और कुछ देर तक मेरी जंघे चूमते रहे। धीरे धीरे मैं भी गीली हो गई और मैं सर को बोलने लगी मुझे चाटने के लिए।
पर सर तो कुछ और ही सोच रहे थे उन्होंने अपने हथोड़े जैसा लिंग पकड़ा और उसे मेरे अंदर घुसा दिया। दोस्तों इस तरह मैं उनके साथ सेक्स करने लगी और अपनी चुत में पहला लंड ले लेने लगी।
परवीन सर गन्दी और गहरी सासे लेते हुए मेरी आँखों में देखने लगी। उनके अंदर मेरे लिए प्यार और चुदाई भरी थी। वो अपने मर्दाना हाथो को मेरे शरीर पर चलाने लगे और कभी मेरे मुँह में ऊँगली डालते तो कभी मेरी छाती दबाते।
काफी मजा आ रहा था हम दोनों एक दूसरे के शरीर की गर्मी से और गर्म हो गए। सब कुछ काफी अच्छा चल रहा था की तभी परवीन सर ने धको की रफ़्तार काफी तेज करदी।
मुझे से चुत का आनंद आने लगा पर साथ साथ लिंग की मोटाई की वजह से दर्द भी उठने लगा। चुत में लिंग रगड़वा कर मेने बड़ी गलती की। धीरे धीरे मुझे नीचे जलन भी होने लगी।
पर मैं कुछ नहीं कर सकती थी सर तो पुरे पागल से होने लगे और मुझे पेल पेल कर चोदने लगे। वो बिस्तर में इंसान की जगह पुरे गोरिला बन गए।
पुरे कमरे में चुत लंड के पानी की बू फेल गई और चुदाई की जोरदार आवाज गूंजने लगी। वो पल पूरा हवस से भरा था और मैं भी धीरे धीरे दर्द को मजे की तरह लेने लगी।
कुछ देर मुझे ऊपर से चोदने के बाद सर ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी कमर नीचे कर के गांड पूरी उठा ली और अचानक पीछे से अपने मजबूत हाथो से मेरे बाल खींचे और मुझे धड़ा धड़ चोदने पर उत्तर आए।
वो पूरा लिंग अंदर बाहर अंदर बाहर करने में लगे रहे और उनकी गोटिया मेरी चुत पर झापड़ लगाने लगी।
काफी मजा आ रहा था की तभी चुत से मलाई निकल गई जिस कारण लिंग पूरा सफ़ेद और गंदा हो गया। सर ने गोटो से मेरी चुत का पानी टपकने लगा और वो उसे देख और पागल हुए जा रहे थे।
तभी उन्होंने जल्दी जल्दी मेरी ब्रा पूरी खोली और मेरे दूध दबाते हुए चुदाई करने लगे। मेरे सेक्सी शरीर को देख उन्हें मजा आने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे उनकी बीवी काफी बदसूरत है और आज उन्हें अपनी हवस एक सुंदर लड़की पर निकालने का मौका मिला।
इस तरह वो मुझे घपा गप चोदने लगे और मुझे अपने आप पर शर्म आने लगी की ये मैंने क्या किया। उसके बाद सर ने मुझे उठाया और शीशे के सामने खड़ा कर के पीछे से चोदने लगे।
मैं अपने आप को नंगी शीशे में देखने लगी और मुझे ये लगने लगा की आज से मैं एक रंडी बन जाऊगी।
मेरे दोनों पैर खड़े खड़े काप रहे थे बाल खराब और साथ ही साथ काजल और लिपस्टिक भी फैले हुए थे। मेरे थन आगे पीछे जोर जोर से हिल रहे थे और परवीन सर भी शीशे में देखते हुए सेक्स कर रहे थे।
तभी सर का लंड जरूरत से ज्यादा सख्त हो गया और उन्होंने गन्दी आवाजे निकालना शुरू कर डाला। देखते ही देखते वो गोरिला की तरह मुझे चोदने लगे और अचानक से लंड बाहर निकाल कर मुझे छोड़ दिया।
बिना सहारे के मैं जमीन पर जा गिरी और परवीन सर ने मेरे ऊपर अपना लंड का सारा रस छोड़ दिया। उसके बाद मैं आराम करने लगी और कुछ देर बाद होटल के बाथरूम में नहाने चली गई।
उस दिन के बाद मैं परवीन सर से दूर रही पर ये सब ज्यादा नहीं चला। वो चुदाई का दिन मेरे दिमाग में बार बार आता रहा और मैं रोज उसे याद कर अपनी चुत रगड़ती।
इस तरह मैं वापस परवीन सर के बाद गई और उनके साथ सेक्सी करती रही। ये थी मेरी सेक्सी कहानी अगर आपको जरा भी पसंद आयी तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना।